सुरेश महाराज
मान्धाता – मान्धाता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टरों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि मरीज के प्रति उनकी कोई संवेदना नहीं रह गयी है मरीज बाहर बैठकर इंतजार कर रहे हैं और डाक्टर नदारद हैं, साढ़े दस बजे कुछ पत्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मान्धाता पहुंचे तो जननी सुरक्षा वार्ड में डाक्टर नहीं बैठे थे, मरीज बाहर बैठकर इंतजार कर रहे थे, आश्चर्यजनक बात यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मान्धाता के जिम्मेदार अधिकारी डाक्टर अभिषेक सिंह स्वयं अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे और मरीज पर्ची बनवाकर बाहर इंतजार कर थे,

पत्रकारों ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ अभिषेक सिंह को फोन किया तो डॉक्टर अभिषेक सिंह झूठ बोल गये और कहे कि अपने कक्ष में बैठा हुं तीन पत्रकार तुरंत अस्पताल पहुंचे पत्रकारों देख अस्पताल के किसी कर्मचारी ने डाक्टर अभिषेक सिंह को फोन कर पत्रकारों के आने की सूचना दे दी, ड्युटी के समय आवास पर आराम फरमा रहे डाक्टर अभिषेक सिंह भागते भागते अस्पताल के कक्ष में पहुंचे लेकिन वहां पहले से ही तीन पत्रकार की टीम मौजूद थी, पत्रकार को देख डाक्टर अभिषेक सिंह तरह-तरह की सफाई देने लगे/ मान्धाता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार डाक्टर अभिषेक सिंह का रवैया जब इस तरह से है तो अस्पताल के अन्य डाक्टर और स्टाफ तो मनमानी करेंगे ही, मरीज़ इंतजार कर रहे हैं और डाक्टर आवास पर आराम फरमा रहे हैं इससे साफ़ जाहिर होता है की अस्पताल के डाक्टर की मानवीय संवेदना शून्य होती जा रही है और अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही कर रहे हैं डाक्टर के इस रवैए से अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है मरीज़ के प्रति अस्पताल की विश्वसनियता समाप्त हो रही है सरकार भले ही बेहतर सुविधा सुशासन की बात करे लेकिन डाक्टर अभिषेक सिंह जैसे लोग सरकार बदनाम करने का काम कर रहे हैं सरकारी तनख्वाह पर मजा करने वाले डाक्टर जनता के हित को दरकिनार कर रहे हैं