नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए आवश्यक सोच और उपाय जरूरी-जस्टिस अभय ओक।

ठाणे

ठाणे जिला एवं सत्र न्यायालय के नए भवन का उद्घाटन

अब्दुल गनी खान
ठाणे, 26 ठाणे में बनी कोर्ट के लिए नवीन इमारत के उद्घाटन में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा कि यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हमारे संविधान के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी हम आम नागरिकों को समय पर न्याय नहीं दे पा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय ओक ने आज यहां कहा कि आज की स्थिति में यह आवश्यक है कि आम आदमी को शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

ठाणे जिला न्यायालय परिसर में जिला एवं सत्र न्यायालय की नई इमारत का उद्घाटन में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभय ओक के हाथों और उपमुख्यमंत्री तथा ठाणे जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में हुआ।

इस अवसर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी, न्यायमूर्ति श्रीराम मोडक, न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख, न्यायमूर्ति गौरी गोडसे, न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे, न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना, ठाणे के मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवास अग्रवाल, ठाणे के जिला न्यायाधीश-1 और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत शिंदे, जिला एवं तालुका स्तर की अदालतों के न्यायाधीश, साथ ही महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष एडवोकेट. सुदीप पासबोला और सदस्य एडवोकेट गजानन चव्हाण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ईश्वर सूर्यवंशी, ठाणे जिला वकील संघ के अध्यक्ष एडवोकेट. प्रशांत कदम, सांसद नरेश मस्के, विधायक संजय केलकर, जिला कलेक्टर अशोक शिंगारे, संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ज्ञानेश्वर चव्हाण, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विनायक देशमुख, उपायुक्त मीना मकवाना, अतिरिक्त कलेक्टर हरिश्चंद्र पाटिल, अधीक्षक अभियंता सिद्धार्थ तांबे, प्रांतीय अधिकारी उर्मिला पाटील, कार्यकारी अभियंता सुनील पाटिल और संजय पुजारी, सहायक पुलिस आयुक्त प्रिया ढाकने, तहसीलदार उमेश पाटिल, उप अभियंता स्नेहल कालभोर और रविशंकर सूर्यवंशी, जिले के वकील, लॉ कॉलेज के छात्र और नागरिक उपस्थित थे।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय ओक ने आगे कहा कि आज का उद्घाटन मेरे लिए कई कारणों से खुशी का अवसर है। मैं अपनी सेवा के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद, एक रचनात्मक कार्य के लिए उस स्थान पर लौटकर बहुत खुश हूं जहां से मैंने अपना कानूनी करियर शुरू किया था। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिला एवं सत्र न्यायालय भवन है। इस खूबसूरत इमारत का निर्माण कई चरणों में किया गया है। अदालतों से अच्छे न्याय की उम्मीद की जाती है। विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संरक्षित किया जाना चाहिए। यह न्यायपालिका का मुख्य काम है। सभी को भाईचारा बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। तालुका और जिला न्यायालय विश्वविद्यालय हैं। मेरा मानना है कि ठाणे जिले ने कई प्रतिष्ठित न्यायाधीशों को जन्म दिया है और भविष्य में भी जन्म देता रहेगा। वकीलों को उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ठाणे जिला वकील संघ विकेंद्रीकरण का विरोध नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से पुराने मामलों का समाधान कैसे किया जाए, इस पर 2 वर्ष की कार्ययोजना तैयार की गई है। इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन में ठाणे सबसे आगे है। यह सभी वकीलों के सहयोग के कारण ही संभव हो पाया है। आम नागरिकों को “गुणवत्तापूर्ण न्याय” मिलना चाहिए। उन्होंने आम नागरिकों को न्याय उपलब्ध कराने के लिए सभी से मिलकर काम करने की अपील की।

न्यायमूर्ति श्री ओक ने जिला एवं सत्र न्यायालय के नए भवन के निर्माण कार्य की उत्कृष्ट गुणवत्ता सुनिश्चित करने में बहुमूल्य योगदान के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विशेष सराहना की।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ठाणे के लोगों के लिए यह खुशी और संतोष का दिन है। जिला एवं सत्र न्यायालय के लिए बहुत अच्छी बिल्डिंग बनाई गई है और यहां सभी लोग खुले वातावरण में काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय ओक का ठाणे से अटूट रिश्ता है। वह एक मुखर, निडर व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं तथा हमेशा जनता की भलाई के लिए काम करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। हमारी सरकार उनके आदर्शों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। यह न्याय का राज्य है. श्री ओक ने निश्चय किया कि ठाणे का न्यायालय सर्वोत्तम होना चाहिए।

नव निर्माण भवन से न्याय मिलने में तेजी आएगी। पिछले ढाई वर्षों में सरकार ने 34 अदालतें स्थापित की हैं। इसके अलावा, समय-समय पर सभी आवश्यक सहायता भी प्रदान की गई है। न्यायपालिका लोकतंत्र की जीवनरेखा है, जबकि संविधान इसकी नींव है। अदालतों का उद्देश्य आम आदमी को न्याय प्रदान करना है। इसी प्रकार, सरकार भी विभिन्न योजनाएं लागू करके आम आदमी के जीवन को आसान बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार राज्य में फास्ट ट्रैक अदालतों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और हम संविधान द्वारा निर्धारित मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उपमुख्यमंत्री श्री शिंदे ने आश्वासन दिया कि सरकार आपकी मदद के लिए सदैव मौजूद है।

इस कार्यक्रम के अवसर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी, न्यायमूर्ति श्रीराम मोडक, न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना, महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष एडवोकेट. सुदीप पासबोला ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना की छवि की पूजा के साथ हुई। इस कार्यक्रम के दौरान पहलगाम आतंकवादी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत ठाणे जिला वकील संघ के अध्यक्ष एडवोकेट,प्रशांत कदम , व सुत्र संचालन एडवोकेट राहुल घाघ,और आभार प्रकट एडवोकेट गजानन चव्हाण ने किया।

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