अवैध छात्रावास से बचाए गए 29 बच्चे

ठाणे

निदेशक सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज

अब्दुल गनी खान (कल्याण)9322741971
कल्याण: जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ठाणे जिले के खडवली में ‘पसायदान विकास संस्था’ नाम से संचालित बच्चों के एक अनधिकृत आवासीय संस्थान से 29 बच्चों को बचाया है। यह कार्रवाई जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय की एक टीम ने पुलिस की मदद से की, ये चाइल्ड हेल्प लाइन पर शिकायत मिली थी कि संस्था में बच्चों को बुरी तरह पीटा जा रहा है और नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जा रहा है। इस मामले में संस्था के संचालक, उसकी पत्नी, बेटे और उसके दो सहायकों समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ बाल न्याय अधिनियम 2015 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 10 अप्रैल, 2025 को चाइल्ड हेल्प लाइन पर खडावली में ‘पसायदान विकास संस्था’ के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में कहा गया कि संस्था में बच्चों के साथ शारीरिक मारपीट और यौन दुर्व्यवहार किया जा रहा था। इस शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर 11 अप्रैल को संस्था का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान और बच्चों से बातचीत करने पर पता चला कि नाबालिग लड़कियों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है, उनके साथ मारपीट की जाती है और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया जाता है। 

इस गंभीर घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संस्था से 29 बच्चों को मुक्त कराया। इनमें 20 लड़कियां और 9 लड़के शामिल हैं। बचाए गए सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। समिति ने देर रात तक इन बच्चों की देखरेख के संबंध में आदेश जारी करने की प्रक्रिया पूरी कर ली। 

इस मामले में पांच लोगों – संस्था के निदेशक बबन नारायण शिंदे, उनकी पत्नी आशा बबन शिंदे, निदेशक के बेटे प्रसन्ना बबन शिंदे, उनके सहायक प्रकाश सुरेश गुप्ता और दर्शना लक्ष्मण पंडित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपी खड़वली के निवासी हैं। 

बचाए गए कुछ बच्चे खडावली के जिला परिषद स्कूल में पढ़ रहे थे। उनकी आगामी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा अधिकारी कार्यालय से समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि शिक्षा विभाग उनकी परीक्षाओं के लिए विशेष व्यवस्था कर सके। 

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार सभी बच्चों की मेडिकल जांच करवा ली है। फिलहाल इन बच्चों को उल्हासनगर स्थित बालिका विशेष गृह/बाल गृह के साथ-साथ जूनियर एवं सीनियर बालकों के सरकारी बाल गृह में सुरक्षित रूप से भर्ती कराया गया है। इस कार्रवाई के बाद जिला कलेक्टर श्री अशोक शिंगारे ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा और कल्याण हमेशा से प्रशासन की प्राथमिकता रही है।” 

बाल शोषण के प्रति हमारा रुख ‘शून्य सहनशीलता’ का है और प्रशासन सदैव बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “ऐसी हरकतों पर तुरंत संज्ञान लिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके।” 

जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी संतोष भोसले ने सभी नागरिकों से अपील की है कि, “यदि आपके आसपास किसी भी प्रकार का बच्चों के लिए आवासीय संस्थान अवैध रूप से चलाया जा रहा हो या बच्चों का शारीरिक, यौन, मानसिक या अन्य किसी भी तरह से शोषण किया जा रहा हो तो तुरंत चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर संपर्क करें। बच्चों के लिए अनधिकृत आवासीय संस्थान चलाना और उनका शोषण करना किशोर न्याय अधिनियम के तहत गंभीर अपराध है। नागरिकों को इस संबंध में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।

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