लड़की के साथ दरिंदगी एंव हत्या प्रकरण:जेल में बंद आरोपी ने की आत्महत्या

ठाणे

अब्दुल गनी खान
कल्याण पूर्व में रहने वाली 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न और हत्या के आरोपी विशाल गवली ने तलोजा जेल में आत्महत्या कर ली। उस समय जब इस क्रूर घटना के आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, तो हर स्तर से उसे मृत्युदंड देने की मांग उठ रही थी। आज, ऐसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कि उनकी आत्महत्या प्राकृतिक न्याय का परिणाम थी।
मालूम हो कि कल्याण पूर्व में रहने वाली एक नाबालिग लड़की 23 दिसंबर 2024 को शाम 4 बजे किसी काम से अपने घर से निकली थी। कोलसेवाड़ी इलाके में रहने वाले विशाल गवली की नजर इस युवती पर पड़ी और वे उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले आया। वहां उसके साथ यौन उत्पीड़न किया । पुलिस जांच में पता चला कि घटना के बारे में किसी को पता न चले, इसके लिए उसकी हत्या  घर में ही कर दिया।
बताया जाता है कि आरोपी की पत्नी को यह सब पता था, फिर भी उसने उसका समर्थन किया। विशाल गवली की पत्नी साक्षी ने पुलिस पूछताछ के दौरान घर में हुई सारी घटना बताई। विशाल गवली कल्याण पूर्व के कोलसेवाड़ी इलाके में रहता थाइ। विशाल शाम करीब पांच बजे लड़की को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। उसे प्रताड़ित किया गया। विशाल ने लड़की की हत्या इस डर से की कि अगर उसने अपने परिवार को बताया तो वह पकड़ा जाएगा। लड़की की हत्या करने के बाद विशाल ने उसका शव घर में ही एक बैग में भर दिया। लड़की की हत्या के बाद विशाल घर पर ही रह रहा था।

       पत्नी ने किया पति का समर्थन

विशाल की पत्नी साक्षी बैंक में काम करती थी। वह शाम को सात बजे घर आयी। तब विशाल ने उसे घर में हुई भयावह घटना के बारे में बताया। इसका विरोध करने के बजाय, उसने अपने पति का समर्थन किया। विशाल ने अपनी पत्नी साक्षी की मदद से रात में घर में ही शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। दोनों ने घर में गिरे खून को साफ किया। तब तक रात के साढ़े आठ बज चुके थे। विशाल ने अपने रिक्शा चालक मित्र को अपने घर बुलाया। शव वाला बैग रिक्शा में रख दिया गया। विशाल, साक्षी और रिक्शा चालक ने आधारवाड़ी से पथरी पूल के रास्ते बॉडी बैग लिया और गांधारी ब्रिज के रास्ते भिवंडी पडघा की ओर चले गए। बापगांव क्षेत्र में अंधेरा देख कर शव को ठिकाने लगाने के लिए यातायात बंद होते देख विशाल ने शव को बापगांव कब्रिस्तान क्षेत्र के झाड़ियों वाले इलाके में फेंक दिया।
शव को ठिकाने लगा कर चला गया बुलढाना


विशाल ने आधारवाड़ी इलाके की एक दुकान से शराब की एक बोतल खरीदी औरि वहां  तुरंत अपनी पत्नी के मायके, बुलढाणा जिले के एक गांव के लिए रवाना हो गए। रिक्शा चालक ने उसकी पत्नी साक्षी को घर छोड़ दिया। साक्षी ने कल्याण में घर पर ही रहने का फैसला किया ताकि किसी को इस मामले पर शक न हो। विशाल के घर के बाहर खून के धब्बे थे। विशाल की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गई। जैसे ही पुलिस ने विशाल का पता लगाया तो उसके घर के बाहर खून के धब्बे मिले। पुलिस का संदेह और मजबूत हो गया। बाद में पुलिस ने मामले को जल्दी से सुलझा लिया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर विशाल, उसकी पत्नी साक्षी और रिक्शा चालक को बुलढाणा से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने लगातार तीन महीने तक मामले की गहन जांच की और अपराध में प्रयुक्त हत्या का हथियार, गांधारे नदी में फेंका गया बैग और अन्य सामान जब्त कर लिया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि विशाल और उसकी पत्नी को कड़ी सजा दी जाएगी। विशाल के खिलाफ कुल आठ गंभीर अपराध दर्ज हैं। इनमें अभद्र हमला, अप्राकृतिक यौन हमला, चोरी, हत्या का प्रयास और निरोधक आदेश का उल्लंघन शामिल हैं। विशाल जमानत मिलने के बाद फिर से अपराध कर रहा था। लड़की की हत्या से पहले वह जमानत पर बाहर था। फिर उसने यह जघन्य कृत्य किया।

लड़की की हत्या के बाद महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों ने कल्याण और डोंबिवली शहरी इलाकों में कैंडल मार्च निकालकर घटना का विरोध किया और विशाल गवली को फांसी देने की मांग की। सामाजिक संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि विशाल गवली को फांसी होने तक ये विरोध मार्च जारी रहेंगे। रविवार सुबह जैसे ही विशाल के फांसी लगाने की खबर शहर में फैली, विभिन्न क्षेत्रों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गईं। 

शिवसेना शिंदे गुट के विधायक विश्वनाथ भोईर ने विशाल गवली आत्महत्या मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यदि विशाल गवली को कानून के अनुसार फांसी दी गई होती तो ऐसे कृत्य करने वालों को न्याय मिल गया होता। हो सकता है कि उसने कानूनी सज़ा के डर से आत्महत्या कर ली हो। विधायक विश्वनाथ भोईर ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को भी स्वाभाविक न्याय मिला है।

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