राष्ट्रपति कार्यलय द्वारा तत्कालीन परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने के विरुद्ध जांच कर कार्यवाही का आदेश।।
भिवंडी ।। राष्ट्रीय मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष शरद काशीनाथ धूमाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक आवेदन के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य परिवहन विभाग के परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने के कुप्रबंधन की जांच करने की मांग की थी। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रपति कार्यालय के सचिव ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव नितिन करीर को निर्देश दिया है। जिससे परिवहन विभाग में खलबली मची हुई है।
आईएएस रैंक के अधिकारी अविनाश ढाकने तीन से चार साल तक महाराष्ट्र सरकार के परिवहन विभाग में परिवहन आयुक्त के पद पर कार्यरत थे और उनके आकुशल प्रदर्शन के कारण महाराष्ट्र सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। परिवहन विभाग के लेखों की जांच के बाद बताई गई त्रुटियों को ठीक नहीं किया गया। बिना सहायता प्राप्त यात्री परिवहन के संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ द्वारा दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया गया है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से बाल पोषण अधिभार की वसूली नहीं होने से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। मालवाहक वाहनों का लाइसेंस नहीं होने से राजस्व का तीन-तेरहवां हिस्सा, परिवहन में 80 प्रतिशत कार्मिक अधिकारियों ने सरकारी नियमों के अनुसार अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी। राष्ट्रपति मुर्मू को परिवहन आयुक्त ढाकने के खिलाफ जांच और कार्रवाई का एक ज्ञापन भेजा गया था । जिसमें बायोमेट्रिक उपस्थिति के खिलाफ हड़ताल, प्रशासन की मनमानी, नागरिकों का उत्पीड़न, सीमा जांच चौकियों पर ठीक से काम न करने जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया था। उनके कार्यालय ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिस से उक्त महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।