भिवंडी: भिवंडी निजामपुर महानगर पालिका प्रभाग समिति क्रमांक. 5 के क्लर्क और सहायक आयुक्त सोमनाथ बुध्या सोष्टे को महापालिका के लेखा विभाग द्वारा विविध कार्यों के लिए दिए गए अग्रिम राशि 32 लाख 66 हजार 346 रूपये कहा और कैसे खर्च किए उसका संतोषजनक जवाब देने में असफल होने पर विभागीय जांच हेतु महापालिका आयुक्त ने महापालिका की सेवा से निलंबित किया है। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने महाराष्ट्र सरकार से शिकायत की थी। उन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने भिवंडी महापालिका के आयुक्त को मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिए थे। उक्त प्रकरण का विस्तृत तथ्य यह है कि भिवंडी महापालिका के मुख्यालय के उपायुक्त ने मामले में लेखा विभाग की स्पष्ट राय प्राप्त करने के लिए उक्त फाइल को लेखा विभाग को भेज दिया। लेखा विभाग ने महापालिका मुख्यालय उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी है कि 06 अग्रिम राशि का समायोजन अभी बाकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट में सोष्टे द्वारा ली गई अग्रिम राशि के समायोजन के लिए जमा की गई फाइलों को नजरअंदाज किया जा रहा है, और रिपोर्ट में ऑडिट विभाग द्वारा उठाई गई त्रुटियों को पूरा नहीं करने का दोष सोष्टे पर मढ़ा गया है। इस कारण सहायक आयुक्त सोमनाथ सोष्टे को महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील), (आचरण) नियम, 1979 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, 1949 की धारा 56 (2) के तहत विभागीय जांच की सेवा से निलंबित कर दिया गया है।

भिवंडी नगर आयुक्त अजय वैद्य ने अपने उक्त निलंबन आदेश दिनांक 03/12/2024 में, महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण)नियम, 1979 के प्रावधानों के अनुसार, महापालिका आयुक्त ने चेतावनी दी कि निलंबन अवधि के दौरान कोई भी निजी रोजगार या कोई भी व्यवसाय/व्यवसाय करने पर दोषी पाया जाएगा। आगे आधिकारिक कदाचार के लिए और उसी के लिए दंड के लिए उत्तरदायी होगा, उक्त निलंबन आदेश में दिया गया है। इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने निलंबित सहायक आयुक्त सोमनाथ सोष्टे के दुर्व्यवहार और मनमाने प्रबंधन को लेकर मनपा आयुक्त से शिकायत कर जांच की मांग की थी। लेकिन मनपा आयुक्त ने धुमाल की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि सहायक आयुक्त सोष्टे का समर्थन किया। महापालिका आयुक्त की इस अकुशल कार्रवाई के कारण अध्यक्ष और धुमाल ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार से शिकायत की और यही कारण है कि महाराष्ट्र सरकार ने अंततः भिवंडी महापालिका आयुक्त को मामले की गहन और विस्तृत जांच करने का आदेश दिया। सरकार के उक्त आदेश पर आखिरकार मनपा आयुक्त ने सहायक आयुक्त सोमनाथ को निलंबित कर दिया।