भिवंडी: रईस हाई स्कूल परिसर के उर्दू बसेरा हॉल में मशहूर साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था हम नशी के तत्वावधान में प्रख्यात उर्दू हास्य व्यंग लेखक फैयाज अहमद फैजी और नासिक के मशहूर वकील नंद किशोर भोतणा के सम्मान में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता के एम ई सोसायटी के उपाध्यक्ष एडवोकेट यासीन मोमिन ने की। समारोह में अतिथि के रूप में सलीम अब्दुल अजीज धुरु,रईस हाई स्कूल के चेयरमैन यासर ततली और अब्दुल बासित पटेल मौजूद थे।कार्यक्रम में फैयाजअहमद फैजी की पुस्तक “खनदह ज़ेरे लब ” और नंद किशोर गंगा बिसन भोतणा की पुस्तक”यादश बखैर” का लोकार्पण अतिथियों द्वारा संपन्न हुआ।उद्घाटन भाषण रईस हाई स्कूल एंड जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल जियाउर रहमान अंसारी ने प्रस्तुत किया।आप ने उर्दू की लोकप्रियता पर विस्तार से चर्चा की और इसके के उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी सलाह दी।इस अवसर पर निशी गंधा लोहिया ने अपनी मधुर आवाज में खुसरो का कलाम प्रस्तुत किया।मोहम्मद रफी अंसारी ने अपना निबंध फैयाज अहमद फैजी साहब प्रस्तुत किया जिसकी लोगों ने खूब सराहना की।अहमदाबाद से आए अतिथि हाफिज वली अहमद खान ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए पुस्तक वाचन के महत्व पर प्रकाश डाला।अशफाक उमर ने पुस्तकों से दोस्ती की सलाह दी।इस अवसर पर फैयाज अहमद फैजी ने उर्दू और उर्दू के सामने आने वाली समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त किए। उर्दू बोलने वालों की उदासीनता पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि किताबें पढ़ने और खरीदने की आदत अब खत्म होती जा रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एडवोकेट नंद किशोर भोतणा ने उर्दू के प्रति अपनी दीवानगी जाहिर करते हुए कहा कि उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं एक तहज़ीब का नाम है। उन्होंने आगे कहा कि गैर-उर्दू भाषी समुदाय उर्दू से प्यार करता है। यह जरूरी है कि इसकी कद्र की जाए।आप ने छात्रों को सलाह दी कि वकील का पेशा करिअर के तौर पर अपनाना चाहिए।समारोह के अध्यक्ष एडवोकेट यासीन मोमिन ने दोनों पुस्तकों के लेखकों को मुबारकबाद पेश की और उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी और अपनी सोसायटी की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया।कार्यक्रम का शुभारंभ पवित्र कुरान के पाठ से हुआ। रईस हाई स्कूल के उपमुख्यध्यापक मुखलिस मदू ने अतिथियों का परिचय सहित स्वागत किया।संस्था के सचिव आमिर कुरैशी ने सूत्र संचालन किया और संस्था केअध्यक्ष सरफ़राज़ मुरुमकर ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
