भिवंडी (रिपब्लिक रिपोर्ट हिन्दी संवाददाता) भिवंडी वाचन मंदिर की 261वीं वर्षगांठ के अवसर पर शाम 5 बजे तिलक मंदिर सभागृह भिवंडी में वाचन मंदिर के भवन का नाम करमकर परिवार के नाम पर रखने के लिए एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें भिवंडी पश्चिम के विधायक श्री महेश चौघुले, सुधीर सिंघासने, प्रशांत पाटिल, चांगदेव काडे, मोहन करमकर और अविनाश करमकर ने भाग लिया।विधायक महेश चौघुले ने अपने संबोधन में कहा कि करमकर परिवार नें वचन मंदिर के लिए निःशुल्क भूमि दान कर एक मिसाल कायम की है।मुझे विश्वास है कि उनकी कृपा भिवंडी शहर पर सदैव बनी रहेगी।आपने आगे कहा कि मुझे गर्व है कि इस क्षेत्र का विधायक होने के नाते मुझे वाचन मंदिर भवन की मरम्मत विधायक निधि से करने का अवसर मिला। मैं भविष्य में भी वाचन मंदिर के लिए काम करता रहूंगा। प्रशांत पाटिल ने कहा कि सरकार की ओर से पुस्तकालयों के लिए कई योजनाएं हैं और मैं उन्हें हासिल करने की पूरी कोशिश करूंगा। थाना जिला पुस्तकालय संघ के अध्यक्ष चांगदेव काडे ने कहा कि करमकार परिवार ने भूमि समर्पित करके जो उदाहरण पेश किया है, उसी तरह अन्य गांवों में भी ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए।वाचन मंदिर संस्था के अध्यक्ष सुधीर सिंघासने नें 162 वर्षों पर आधारित वाचन मंदिर की कारकरदगी का विवरण प्रस्तुत किया।अविनाश करमकर ने कहा कि हमारा परिवार संस्था के काम काज से बहुत प्रभावित है,इसलिए हमने अपनी जमीन संस्था को समर्पित कर दी। हमें खुशी है की आज यहां एक सरस्वती ज्ञान मंदिर खड़ा है। हम संस्था से जुड़े सभी लोगों के आभारी हैं। इस अवसर पर करमकार परिवार के सदस्यों को शॉल, श्री फल और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया, इसके अलावा प्रणाली कोडे,शिलाका मदान,वैशाली निकम,शीला परब और सतीश जोबड़े को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में थाना जिला पुस्तकालय संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य,वाचन मंदिर पुस्तकालय के कर्मचारी एवं गणमान्य व्यक्ति एवं भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य बिलाल अहमद मोमिन, मोहम्मद शफी मुकरी (पूर्व चेयरमैन रईस हाई स्कूल भिवंडी) और अब्दुल मलिक मोमिन विशेष रूप से उपस्थित थे और अब्दुल मलिक मोमिन की शोध पुस्तक पुस्तकालय के लिए उपहार स्वरूप भेंट की। जिसके लिए संस्था के पदाधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ज्ञानेश्वर गोसावी, मिलिंद पर्सले, किशोर नागवेकर, गणेश दांडेकर, मनीष कांतकर एवं अन्य स्टाफ सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।किशोर नागवेकर के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।