भिवंडी के निजी अस्पतालों में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं,स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

भिवंडी

140 निजी अस्पतालों में से केवल दो में ही सरकारी योजनाएँ शुरू, मरीजों को हो रही परेशानी


भिवंडी मनपा के स्वास्थ्य केंद्रों में अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं और उपजिला अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी ने शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था को चरमरा दिया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से कई नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ठाणे और मुंबई के सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता है।
शहर में 22 अस्पताल 25 से अधिक बेड वाले हैं। जबकि 13 अस्पताल 30 से अधिक बेड वाले हैं; लेकिन इन अस्पताल प्रबंधनों ने सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन ही नहीं किया है। जिससे इन अस्पतालों को आने वाले मरीजों से मनमानी फीस वसूलने की खुली छूट है। सरकार महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड का विज्ञापन करती है जिसमें पांच लाख तक का इलाज मुफ्त में दिया जाता है। लेकिन शहर के नागरिकों को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है।इसके कारण भिवंडी के नागरिक भी परेशान हो रहे हैं।
भिवंडी शहर में कुल 140 निजी अस्पताल संचालित है।जिसमें से केवल दो अस्पताल ही सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ देते हैं। इनमें भी मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और नागरिकों को इन सेवाओं का लाभ उठाने में आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है।सरकार ने मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 50 बिस्तरों की अनिवार्यता में ढील दी है और अब 30 बिस्तरों वाले अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज भी इन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।शहर में 25 बिस्तरों की सुविधा वाले 21 अस्पतालों में मरीजों के लिए महात्मा ज्योतिबा जन आरोग्य योजना का लाभ लेना अनिवार्य है।इसके लिए मनपा स्वास्थ्य विभाग ने सभी को पत्र भेजकर योजना में शामिल होने की सूचना दी है, ऐसी जानकारी मनपा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण अधिकारी डॉ. जयवंत धुले ने दी।

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