सुरेश महाराज
प्रतापगढ़ – प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के स्पष्ट वक्ता, ईमानदार व्यक्तित्व और खेल जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अजब नारायण दूबे के निधन से शोक का माहौल है 15 अगस्त को सुबह सात बजे अजब नारायण दूबे का शरीर शांत हो गया और 16 अगस्त को गांव , समाज, क्षेत्र के लोगों ने नम आंखों से प्रयागराज घाट पर अंतिम विदाई दी और पंचतत्व में विलीन हो गये,

रानीगंज तहसील के गांव राजापुर खरहर निवासी अजब नारायण दूबे की शिक्षा ग्रामीण परिवेश में रही पढाई में तेज होने के चलते जल्द ही रेलवे में नौकरी मिल गयी, रेलवे में नौकरी के दौरान इनकी रूचि खेल की तरफ़ बढ़ी और ऊंची कूद, लंबी कूद में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब , हरियाणा, केरल, दक्षिण भारत के कई प्रदेशों में अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए कई मेडल हासिल किए, तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और राज्यपाल के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित किए गये, प्रथम खिलाड़ी पुरस्कार भी हासिल किया बेहतर प्रदर्शन के चलते टीम के मुखिया के दायित्व का भी बाखूबी निर्वाहन किया, सेवानिवृत्त होने के पश्चात ग्रामीण परिवेश में रहकर गांव की सेवा करने का मन बना लिया, अपनी ईमानदारी और न्यायप्रिय सोच के चलते चालीस वर्षों तक कोटेदार रहे/ स्पष्टवादी अजब नारायण दूबे को लोग पारिवारिक और आपसी विवाद को निपटाने के लिए अक्सर बुलाया करते थे गांव समाज में स्पष्ट व्यक्तित्व की पहचान बन चुके अजब नारायण दूबे बहुत ही सरलता से विवादों को हल करने और दोनों पक्षों को संतुष्ट करने में सफल हो जाते थे/ आम जनता के स्पष्टवादी, न्यायप्रिय व्यक्तिव अजब नारायण दूबे के निधन पर गांव समाज क्षेत्र के लोगों में शोक का माहौल है अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में समाज के हर वर्ग के लोग उपस्थित थे/ ब्वायज एंड गर्ल्स स्कूल एंड कालेज के चेयरमैन विन्ध्येश्वरी प्रसाद तिवारी (पिंटू तिवारी) ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्पष्टवादी व्यक्तित्व को खो दिया है जो सरलता की प्रतिमूर्ति थे ईमानदारी की परिभाषा थे/