मुंबई: महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट से बीजेपी की कैंडिडेट नवनीत राणा को नामांकन दाखिल करने से पहले बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को सही ठहराया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र को रद्द किया जाने के बाद नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। राणा पिछली बार अमरावती लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनी गई थीं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट से जीत हासिल करने के बाद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी गई थी। जिसके आधार पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। इस बार नवनीत राणा बीजेपी के सिंबल पर अमरावती से चुनाव मैदान में उतरी हैं। नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि असत्य पर सत्य की जीत हुई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।
फैसला रख लिया था सुरक्षित
नवनीत राणा की याचिका जस्टिस जे के महेश्वरी और जस्टिस संजय करोल ने फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने फरवरी 2024 में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नवनीत राणा के माेची जाति प्रमाण पत्र को सही ठहराया है। जून 2021 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने फर्जी मोची जाति प्रमाण पत्र जमा करने के लिए राणा पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने सर्टिफिकेट भी रद्द कर दिया। इसके बाद नवनीत राणा ने हाईकोर्ट आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
2014 में लड़ी थी पहला चुनाव
नवनीत राणा ने 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के टिकट पर अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब वे हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके वह सफल रही थीं। उन्होंने एनसीपी के समर्थन से अमरावती से तत्कालीन शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल को 36,951 वोटों के अंतर से हरा था। रवि राणा महाराष्ट्र के बडनेरा एक निर्दलीय विधायक हैं। उन्होंने एक पार्टी भी बनाई हुई है। नवनीत राणा हाल ही पति की पार्टी को छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। इस बार वे बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं और महायुति की कैंडिडेट हैं। नवनीत राणा राजनीति में आने से पहले एक अभिनेत्री और मॉडल थीं। उन्होंने 2011 में बाबा रामदेव के आशीर्वाद से एक सामूहिक विवाह में रवि राणा से शादी की।
