आदिवासी विधवा महिला को नहीं मिला मुआवजा,तीन वर्षों से लगा रही है भिवंडी प्रांत कार्यालय का चक्कर।

भिवंडी


भिवंडी तालुका के दुगाड गांव की एक आदिवासी विधवा महिला पार्वती कृष्णा वरखंडया पिछले 23 वर्षों से दिवंगत रमाकांत माणिक गुलवी के खेतों की देखभाल कर रही थीं। रमाकांत गुलवी ने उन्हें अपने खेत पर बने मकान में रहने की अनुमति दी थी और उक्त मकान पार्वती के नाम पर कर दिया था। पार्वती उक्त मकान की घरपट्टी भी बराबर भर करती थीं, जिसकी ग्राम पंचायत में नोंद है और 8/अ का उतारा भी उनके नाम पर दर्ज है। हालांकि वडोदरा महामार्ग के विस्तार के कारण यह मकान बाधित हो रहा था और शासन के नियमानुसार पार्वती को मुआवजा मिलना था। सरकारी रिकॉर्ड में पार्वती के नाम पर 40,58,972 रुपये का मुआवजा दशार्या गया था। लेकिन भिवंडी उपविभागीय कार्यालय के एक अधिकारी द्वारा कथित रूप से किशोर ह.पटिल नामक व्यक्ति के साथ सांठगांठ कर यह राशि किसी और को दे दी गई। इस धोखाधड़ी के खिलाफ पार्वती पिछले तीन वर्षों से लगातार उपविभागीय कार्यालय में शिकायत करती रहीं लेकिन अधिकारियों ने उनकी अनदेखी की और उनकी अशिक्षा का फायदा उठाया। आखिरकार पार्वती ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के ठाणे जिला सचिव आत्माराम विशे से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई। जिन्होंने शांतिनगर पुलिस स्टेशन में लिखित पत्र द्वारा शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उपविभागीय कार्यालय के अधिकारी ने विधवा महिला के साथ धोखाधड़ी की और उनके मुआवजे की पूरी राशि गलत तरीके से दूसरे को दे दी है उन्होंने इस मामले में दोषियों के खिलाफ धोखाधड़ी और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। इस संदर्भ में प्रांत अधिकारी अमित सानप का कहना है कि अभी उन्हे कोई पत्र नही मिला है। लेटर मिलने के बाद इसकी गहन जांच कर लापरवाही व मनमानी में लिप्त पाए जाने पर अधिकारी पर न सिर्फ कार्रवाई किया जायेगा, बल्कि महिला को न्याय भी दिया जायेगा। वहीं भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता विजय कांबले ने कहा कि अगर महिला को न्याय नहीं मिला तो धड़क अंदोलन किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *