
आदिल नोमानी
मुंबईः पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद अब उनकी नजर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है अखिलेश यादव की 18 अक्तूबर से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मोर्चा संभालने की चर्चाएं जोर पकड़ रही है,वह महाराष्ट्र में मालेगांव में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इसके बाद अगले दिन 19 अक्तूबर को वह धुले में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के घटक दल के तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा)ने महाराष्ट्र में अपने विस्तार और सम्मानजनक सीटें हासिल करने को लेकर रणनीति बनाई है। अखिलेश यादव के पहले दौरे को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा ने उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सीटें जीती थीं।

वहीं हरियाणा चुनावों से सपा दूर थी, लेकिन महाराष्ट्र में अखिलेश यादव मुस्लिम और उत्तर भारतीय वोटरों को इंडिया गठबंधन यानी महाविकास आघाडी के पक्ष में लाने के लिए सभाएं भी कर सकते हैं या फिर इंडिया अलायंस की बड़ी रैलियों में मौजूद रहे सकते हैं। फिलहाल पार्टी की कोशिश है कि एमवीए की सीट शेयरिंग में ज्यादा सीटें हासिल करने पर है। समाजवादी पार्टी ने 30 सीटों पर खुद को वोट बैंक होने का दावा किया है। पार्टी चाहती है कि उसे एमवीए में अधिक सीटें मिलें। पार्टी की नजर 10-12 सीटों पर हैं लेकिन चर्चा है कि एमवीए की सीट शेयरिंग में उसे 3 से चार सीटें मिल सकती हैं।लेकिन फिर भी फूट को रोकने और हरियाणा जैसा जोखिम नहीं उठाने को लेकर एमवीए में सपा को तवज्जो मिलने के संकेत मिल रहे हैं।
कैसा रहा महाराष्ट्र में सपा का प्रदर्शन
महाराष्ट्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन 2009 में था। तब पार्टी ने 4 सीटें जीती थीं, लेकिन 2014 में उसकी संख्या घटकर एक रह गई। 2019 में दो विधायक जीते थे। यूपी में मिली जीत से पार्टी जोश में है। पार्टी को लगता है कि यूपी में मुस्लिम, दलित और पूर्वांचल के वोटों पर फोकस कर आधार बढ़ाया जा सकता है। पिछले दिनों पार्टी के सांसदों ने मुंबई का दौरा भी किया था।
AIMIM के गढ़ में सपा का कार्यक्रम

अखिलेश यादव के कार्यक्रम जिस मालेगांव और धुलिया क्षेत्र में लगे हैं। दोनों ही जगह असदुद्दीन ओवैसी की अगुआई वाली एआईएमआईएम की गहरी पैठ है. 2019 के विधानसभा चुनाव में मालेगांव सेंट्रल और धुलिया सिटी विधानसभा सीट से जीतकर एआईएमआईएम ने सबको चौंका दिया था। तब यह माना गया था कि महाराष्ट्र के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में वोटर वैकल्पिक नेतृत्व की संभावनाएं तलाश रहे हैं। महाराष्ट्र में पार्टी गठबंधन में ठीक-ठाक भागीदारी चाहती है। इसीलिए सपा की महाराष्ट्र इकाई ने तय रणनीति के हिसाब से इन इलाकों में कार्यक्रम रखे हैं। सपा ओवैसी की सियासी जमीन पर चुनौती देकर ज्यादा मजबूत दिखना चाहती है।