जे जे हत्या कांड मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता,फरार कुख्यात गैंगस्टर को मुंबई पुलिस ने किया गिरफतार।

मुंबई

मुंबई के जेजे अस्पताल में फायरिंग 12 सितंबर 1992 में हुआ था, उक्त गोली बारी में तीन लोगों की हत्या हुई थी.जो महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया था,उस मामले में पुलिस ने फरार आरोपी को 32 वर्ष बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
पुलिस  द्वारा मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार शूटर त्रिभुवन सिंह भी उस समय वहां मौजूद था.जिसे मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस ने उत्तर प्रदेश से गिरफतार गिरफ्तार कर लिया है
मुंबई के जेजे अस्पताल हत्या कांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस मामले में करीब 32 साल बाद फरार शूटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी शूटर का नाम त्रिभुवन सिंह उर्फ प्रधान उर्फ श्रीपति श्रीकांत राई है. इसकी उम्र करीब 62 साल है.
यह  हत्याकांड 12 सितंबर 1992 में हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी. जानकारी के मुताबिक त्रिभुवन सिंह उर्फ प्रधान ने भी AK 47 से कई गोलियां दागी थी.

अरुण गवली गैंग के हलदनकर की हुई थी हत्या


जे जे अस्पताल गोली बारी में 500 गोलियां चलाई गईं थी और भारत मे पहली बार AK 47 का इस्तेमाल किसी भी गैंगस्टर की ओर से किया गया था. यह गोली बारी अरुण गवली गैंग के मेंबर शैलेश हलदनकर को मारने के लिए किया गया था, जिसमें उसकी मौत हुई थी. इसके साथ ही दो पुलिसकर्मी जो हलदनकर की सुरक्षा में पहरा दे रहे थे, उनकी भी मौत हो गई थी.जे जे हत्या कांड से मुंबई सहित भिवंडी और उल्हासनगर में राजनीतिक भुचाल आ गया था,
आपको बता दें कि दाऊद इब्राहिम को शक था कि शैलेश हलदन्कर और विपिन शेरे ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के बहनोई इस्माइल पारकर उर्फ इब्राहिम लंबू की हत्या की थी, जिन्हें मुंबई के रोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था, दोनो आरोपियों को घायल होने की वजह से जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, साथ ही पुलिस बंदोबस्त लगाए गए थे,जिसका बदला लेने के लिए 12/09/1992 को कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम कासकर के निर्देश पर गिरफ्तार आरोपी गैंगस्टर सुभाष सिंह ठाकुर, ब्रिजेश सिंह और उनके सहयोगी दहशत फैलाने के लिए एके 47, पिस्टल, रिवॉल्वर, लवर, हैंड बम आदि खतरनाक हथियारों से लैस थे. और अस्पताल की दूसरी मंजिल पर जाकर अंधाधुंध फायरिंग की और वहां से चला गया.  गोलीबारी में गैंगस्टर अरुण गवली गिरोह के सदस्य शैलेश हल्दनकर और दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.  उक्त गोली चलाने वाला आरोपी घायल होने के बाद भाग निकला था।  इस संबंध में भायखला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था और क्राइम ब्रांच, मुंबई जांच कर रही थी।
उक्त अपराध की जांच में 30 से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।  उक्त अपराध में मा. कोर्ट ने आरोपी सुभाष सिंह ठाकुर समेत कुछ अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.  जब उक्त अपराध में वांछित अभियुक्त की तलाश चल रही थी, तो यह पुष्टि हुई कि नामुद अपराध में वांछित अभियुक्त उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर सेंट्रल जेल में बंद था।  नामुद अपराध में आरोपी ने अपना अस्तित्व छुपाने के लिए हर जगह गलत नाम का इस्तेमाल किया। पुलिस के मुताबिक इस संबंध में गहन जांच के बाद माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।  विशेष टाडा अदालत से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त किया गया था।अपराध में पिछले 32 वर्षों से वांछित अभियुक्त को तलाश कर गिरफ्तार कर लिया गया है।  माननीय का प्रदर्शन.  पुलिस आयुक्त, मुंबई श्री.  विवेक फणसलकर, माननीय.  विशेष पुलिस आयुक्त, श्री.  देवेन भारती, मा.  संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) श्री.  लखमी गौतम, मा.  अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) श्री.  शशि कुमार मीना, मा.  पुलिस उपायुक्त (प्रचार) दत्ता नलावडे, माननीय.  सहायक पुलिस आयुक्त, डी (विशेष) श्री.  किशोर कुमार शिंदे के मार्गदर्शन में, जबरन वसूली विरोधी टीम प्रो.  नहीं।  सुधीर जाधव, पी.ओ.  सुनील पवार, अन्य पुलिस अधिकारी और प्रवर्तक, साथ ही अपराध खुफिया दस्ते के पी.ओ.एन.  इसे मिलिंद केट, पी.एन.लोंकर, अन्य पुलिस अधिकारियों और प्रवर्तकों द्वारा अंजाम दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *