यदुवंशी महासभा द्वारा गीता जयंती मनाई गयी

उत्तर प्रदेश


सुरेश महराज
प्रतापगढ़ – कलेक्ट्रेट परिसर में यदुवंशी महासभा द्वारा गीता जयंती मनाई गयी/
    गीता जयंती के शुभ अवसर पर यदुवंशी महासभा प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश द्वारा जनपद प्रतापगढ़ के कलेक्ट्रेट परिसर में गीता जयंती मनाते हुए यदुवंशी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चन्द्र कांत यादव ने कहा कि हमें ऋषि और मुनि द्वारा यह बताया गया है कि गीता साधारण कर्म की योग में बदलने के लिए तीन साधनो पर बल देती है  फल की आकांछा का त्याग ,
कर्ता के अहंकार से मुक्ति ,
किये गए कर्मो को परमात्मा को समर्पित करना,
    अठ्ठारह अध्यायों के सात सौ श्लोकों में समाई इस अद्भुत ज्ञान गंगा का कोई साँनी नहीं है
       मार्गशीर्ष शुल्क एकादसी को कुरुक्षेत्र की युद्ध भूमि में कृष्ण ने अर्जुन को इस ज्ञान का सम्प्रेषण किया था । इस लिए इस दिन को मोक्षदा एकादशी तथा गीता जयंती के रूप में जाना जाता है
    ऋषि मुनियों ने गीता का महत्व गंगा से भी अधिक माना जाता है ।गंगा तो श्री भगवान् के चरणों से निकली और गीता भगवान् के ह्रदय क्षेत्र से । गीता अपने विषय और वैषिस्टय के कारण अठ्ठारह भाषाओं में 250 सौ से ज्यादा अनुबाद एव दर्जनों टिकाये एव भाष्य हो चुके है /


     इस कार्यक्रम में उपस्थित आर. एन . यादव एडवोकेट, विमल वर्मा एडवोकेट, मदन वर्मा एडवोकेट, प्रदीप सरोज एडवोकेट, गिरजा शंकर यादव एडवोकेट, चन्द्र कान्त यादव एडवोकेट, अनुभव सिंह एडवोकेट, रंजीत कुमार यादव एडवोकेट, रवि शंकर आर्य एडवोकेट, सतीश तिवारी एडवोकेट,  बरिस्ता विकास मंच के पत्रकार सुरेश महराज आदि तमाम अधिवक्ता गण उपस्थित थे

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