सुरेश महराज प्रतापगढ़

मान्धाता – संबंधित विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर नहरों की साफ-सफाई करवाया, कई दिन तक जेसीबी और पोकलेन के साथ साथ इक्का-दुक्का मजदूर साफ-सफाई में जुटे रहे, साफ-सफाई के बाद किसानों को उम्मीद थी कि नहरों में पानी आयेगा और फसलों की सिंचाई सुलभ होंगी, लेकिन किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया नहरों में पानी आया लेकिन कम बेग के साथ जिससे बड़ी नहरों के अलावा छोटी-छोटी नहरों में पानी पहुंच नहीं पा रहा है जिससे किसान परेशान हैं सिंचाई के लिए तकलीफ़ का सामना करना पड़ रहा है नहरों में पानी बहुत धीमी गति से चल रहा है जिससे किसानों को नहर के किनारे इंजन लगाकर सिंचाई करनी पड़ रही है नहर से लगी सड़क किनारे किसान इंजन लगाकर सिंचाई कर रहे हैं जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है सड़क पर पाइप बिछाने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, किसानों का कहना है कि पहले की तरह नहरों में पानी तेज गति से छोड़ा गया तों यह समस्या न होती और किसान के खेत तक पानी आसानी से पहुंच जाता है, किसानों का कहना है कि करोड़ों रुपए खर्च नहरों की की गई साफ-सफाई का फायदा किसानों को नहीं मिल पा रहा है