अब्दुल गनी खान कल्याण
कल्याण के अटाळी परिसर में 20 मार्च को हुए वृद्धा रंजना पाटेकर (उम्र 60 वर्ष) की हत्या और लूट के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अब असली आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। खड़कपाड़ा पुलिस ने इस केस में पहले एक निर्दोष युवक दिपेश सपकाळे को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया था, जो पिछले 15 दिनों से जेल में बंद था।

पुलिस की गहन जांच में सामने आया कि असली आरोपी चांद उर्फ अकबर मोहम्मद शेख (30 वर्ष), निवासी आंबिवली, ने पैसों की जरूरत के चलते यह जघन्य वारदात अंजाम दी थी। आरोपी ने मोमोज का व्यवसाय शुरू करने के लिए धन जुटाने के इरादे से रंजना पाटेकर के घर की रेकी की और 20 मार्च को जब वह घर में अकेली थीं, तब पानी मांगने के बहाने घर में दाखिल हुआ। इसके बाद टीवी की आवाज तेज कर दी और वृद्धा को पकड़कर गला दबाकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपी ने वृद्धा के गले से सोने का मंगलसूत्र और कान की बालियां लूट लीं, जिसकी कीमत करीब 1.05 लाख रुपये बताई गई है। आरोपी पूर्व में भी कोळशेवाडी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में जेल जा चुका है।
पुलिस उपायुक्त अतुल झेंडे और सहायक पुलिस आयुक्त कल्याणजी घेटे के मार्गदर्शन में खड़कपाड़ा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक डॉ. अमरनाथ वाघमोडे व उनकी टीम ने तकनीकी साक्ष्य और जानकारी के आधार पर आरोपी को पकड़ा और लूटे गए गहने बरामद किए।
निर्दोष युवक की गिरफ्तारी पर उठे सवाल
इस मामले में पुलिस ने पहले मृतका के पड़ोसी दिपेश सपकाळे को परिवार के संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया था। कोर्ट से न्यायिक हिरासत मिलने के बाद उसे आधारवाडी जेल भेजा गया था। अब असली आरोपी के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने दिपेश को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि बिना पुख्ता सबूत के गिरफ्तारी कर एक निर्दोष को जेल भेजना कहां तक न्याय है। दिपेश की हुई मानसिक और सामाजिक बदनामी की भरपाई कैसे होगी, यह एक बड़ा सवाल है।