पड़घा में स्वान बाइट के 20 दिन बाद 5 वर्षीय मासूम की मौत के बाद हुआ हंगामा

ठाणे भिवंडी

सरकारी अस्पतालों पर लापरवाही के गंभीर आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

विशेष संवाददाता।भिवंडी

भिवंडी तालुका के पड़घा, बोरीवली गांव में स्वान के काटने के बाद 5 वर्षीय मासूम राहिल रियाज़ शेख की मौत हो गई, जिसे लेकर पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। परिजनों ने सरकारी अस्पतालों पर गंभीर लापरवाही, वैक्सीन की कमी और इलाज में देरी का आरोप लगाया है। बच्चे को कब्रिस्तान में दफनाने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने पड़घा सरकारी अस्पताल में हंगामा किया।


        परिजनों ने बताया कि घटना 20 नवंबर की शाम की है, जब राहिल को स्वान ने काट लिया था।जिसे तुरंत इलाज के लिए पड़घा सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां पर एंटी-रेबीज़ के पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे। अस्पताल ने शुरुआती दो इंजेक्शन दिए और फिर बच्चे को भिवंडी के सरकारी अस्पताल, इंदिरा गांधी मेमोरियल में भेजा गया, जहां दो और इंजेक्शन लगे। पांचवां इंजेक्शन उपलब्ध न होने के कारण परिजन बच्चे को बार,बार अलग,अलग अस्पतालों में लेकर जाते रहे, लेकिन हर जगह उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इसी बीच बच्चे की तबीयत बिगड़ती गई और उसे ठाणे सिविल तथा बाद में कस्तूरबा अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।बच्चे के पिता रियाज़ शेख का कहना है कि अगर समय पर इंजेक्शन और सही इलाज मिल जाता तो उनका बच्चा आज ज़िंदा होता।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्वानों के काटने की घटनाएँ आम हो चुकी हैं और पिछले दो,तीन दिनों में 20 से 30 बच्चे स्वानों के हमले का शिकार हो चुके हैं। आरोप है कि बाहर के इलाकों से स्वानों को पकड़कर पड़घा में छोड़ दिया जाता है, जिससे यहां हमले बढ़ गए हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सरकारी अस्पताल में न वैक्सीन रहती है, न डॉक्टर मौजूद होते हैं और कई बार एम्बुलेंस तक समय पर नहीं मिलती, जिससे मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालकर निजी वाहनों से अस्पताल तक ले जाना पड़ता है। लोग डॉक्टरों की तैनाती और एम्बुलेंस सुविधा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।

पड़घा सरकारी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रदीप अशोक पाटिल का कहना है कि बच्चा 20 नवंबर को ग्रेड-3 स्वान काटने के कारण लाया गया था और इस तरह के गंभीर मामलों में रेबीज़ इम्यूनोग्लोबुलिन देना आवश्यक होता है, जो PHC स्तर पर उपलब्ध नहीं होता। इसलिए बच्चे को भिवंडी भेजा गया था। डॉक्टरों के मुताबिक राहिल को बाद के इंजेक्शन भी दिए गए थे, लेकिन 9 दिसंबर को जब उसे दोबारा अस्पताल लाया गया, तब उसमें बुखार, उल्टियां और रेबीज़ के गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे थे, जिसके चलते उसे ठाणे और फिर कस्तूरबा हॉस्पिटल रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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