30 दिन में हुआ 40 फीसदी सफाई कार्य,15 दिन में कैसे पूरा होगा नाला सफाई,जनता ने उठाया सवाल ?

भिवंडी

पांच प्रभाग में 3 ठेकेदार की दी गई है 2 करोड़ 22  लाख 36 हजार 496 में नाला सफाई का ठेका

रिपब्लिक रिपोर्ट भिवंडी

भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा ठेका पद्धति से कराए जा रहे सुस्त गति की नाला सफाई कार्य को लेकर सवाल उठने लगे है।आयुक्त ने शहर के नालों की सफाई का ठेका 3 ठेकेदारों को 2 करोड़ 22 लाख में देकर 47 दिन में काम पूरा करने का आदेश ठेकेदार को दिया था।लेकिन 30 दिन बीतने के बाद भी अभी तक 40 फीसदी भी सफाई कार्य नही पूरा हो सका है। येंसे में बचे हुए 15 दिन में नाला सफाई का कैसे पूरा होगा?इस प्रकार का सवाल करते हुए स्थानीय लोगो ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार मंदगति से सफाई कार्य कर बारिश आने का इंतजार कर रहा है।जैसे ही बारिश आया सफाई काम खत्म पैसा हजम हो जाएगा।नाला सफाई के नाम पर ठेकेदार मनपा अधिकारियों से मिलीभगत कर मनपा की तिजोरी की सफाई के फिराक में है।इतना ही नाला सफाई में बरती जा रही लापरवाही को लेकर शहरवासियों में बारिश के दौरान बाढ़ की आशंका को लेकर भय पैदा हो गया है।

                    भिवंडी मनपा इलाके के पांचों प्रभागों में कुल मिलाकर छोटे-बड़े लगभग 44 हजार 565 मीटर क्षेत्रफल वाले 92 नाले है।आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही मनपा प्रशासन ने प्रभाग समिति क्रमांक एक और दो के नालों की सफाई के लिए सुशील लक्ष्मण गायकवाड़ की कंपनी को क्रमशः 36,73,565 रूपये और 38,52,367 रूपये में दिया है। इसी तरह इस कंपनी को शहर के मुख्य सड़कों की नालियों की सफाई के लिए 28,47,407 रूपये अलग से ठेका दिया है। प्रभाग समिति क्रमांक तीन अंर्तगत बुबेरे असोसीऐट को 45,29,442 रूपये का ठेका मिला है। प्रभाग समिति क्रमांक अंर्तगत नालों की सफाई के लिए चंद्रिका कन्स्टकशन को 36,23,821 रूपये और प्रभाग समिति क्रमांक पांच में 37,09,925 रूपये का ठेका दिया गया है।इसी तरह मनपा प्रशासन ने प्रभाग समिति एक से पांच में गटर की सफाई का ठेका सुनील लक्ष्मण गायकवाड को 28 लाख 47 हजार 407 रुपए में दिया गया है।

5 मई से दिया ठेका ,47 दिन में काम पूरा करने का टारगेट

भिवंडी मनपा स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नाला सफाई के ठेकेदारों को 5 मई को को वर्क ऑर्डर देकर 47 दिन में शहर के सभी नालों व गटरों की सफाई का टारगेट आयुक्त अजय वैद्य ने दिया था।राकांपा(शरद गुट)की महिला अध्यक्ष स्वाती कांबले ने आरोप लगाते हुए बताया कि नाला सफाई का काम शुरू हुए एक माह बीतने के बाद भी अभी तक मात्र 40 फीसदी ही नाले की सफाई हो पाई है।जबकि शहर के तमाम मुख्य नाले अभी भी पटे पड़े है।एक माह मे 7726 मजदूरों द्वारा सफाई कार्य किया गया है।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि नाला सफाई में ठेकेदार जान बूझकर मंदगति से सफाई कार्य कर ठेकेदार बारिश के आने का इंतजार कर रहा है ताकि बारिश आए और नालों के कचरे पानी में बह जाय और वे पूरा बिल निकाल सके।उन्होंने कहा कि नाला सफाई के काम में नियंत्रण रखने के लिए आयुक्त ने प्रभाग अधिकारी,कनिष्ठ अभियंता,मुख्य आरोग्य निरीक्षक,प्रभारी आरोग्य निरीक्षक व नोडल अधिकारी को नाला सफाई के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है।लेकिन आरोग्य अधिकारी व मुख्य आरोग्य अधिकारी के अलावा कोई भी अधिकारी सफाई कार्य का निरीक्षक नही कर सभी एसी ऑफिस में आराम फरमा रहे है।इसे में जब बारिश सिर पर है तो पूरे नाले की सफाई कैसे हो पाएगी?इस सवाल के साथ शहर में एक बार फिर बारिश में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।

नही हुआ सफाई तो रोक देंगे बिल,करेंगे ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट

इधर मनपा आयुक्त अजय वैद्य ने नाला सफाई की धीमी रफ्तार का कारण मैनपावर की कमी बताया है।उनका कहना है कि इस बार नालों व गटरों की सफाई ऊपर से करने के बजाय तह तक जाकर करने का आदेश दिया गया है।उन्होंने बताया कि जहां भी गटर पर स्लैप है अथवा पानी नहीं पास होता है उसे तोड़कर पूरी तरह सफाई करने का आदेश दिया गया है।लेकिन मनपा कर्मचारियों का चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण सफाई पर ध्यान देना मुश्किल हो गया है।उन्होंने बताया कि अब जब कर्मचारी उपलब्ध हो गए है तो ठेकेदार से पूरी तरह सफाई करके लेने की जिम्मेदारी उनकी है।आयुक्त ने कहा कि ठेकेदार को पूरी सफाई करने का सख्त आदेश दिया गया है।यदि शहर में समुचित सफाई नहीं हुई तो ठेकेदार का न सिर्फ बिल का भुगतान रोक दिया जायेगा,बल्कि उसे ब्लैक लिस्टेट भी किया जायेगा।आयुक्त का कहना है कि वे खुद भी जगह जगह दौरा कर सफाई कार्य का निरीक्षण कर रहे है।बचे समय में मजदूर व संसाधन बढ़ाकर तेजगति से सफाई कार्य को पूरा करने का आदेश दिया गया है।शहर की समुचित सफाई के साथ लोगों को इस बार जलजमाव से बचाने हेतु मनपा पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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