प्रशासन से पीड़ित महिला की भीम आर्मी लड़ेगी लड़ाई
आश्वाशन के बाद टूटा अनशन
भिवंडी : स्वतंत्रता दिवस पर भिवंडी खरबाव के स्थानीय सरपंच और प्रांतीय अधिकारियों द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठने वाली महिला ज्योति महात्रे ने बताया के उनके वंश और विरासत के रूप में गांव में एक जमीन है ,जिसका 150 साल के कागजी सबूत भी हैं जमीन पर ज्योति के परिवार का स्वामित्व और कब्जा है वही इस भूमि पर किसी अन्य का दावा या कब्जा नहीं है। ज्योति ने बताया के अज्ञानी होने के कारण,उनके परिवार ने सात बारह और फेरफार रजिस्टर नहीं कर सके थे । ज्योति ने आरोप लगाया है जमीन को रजिस्टर कराने के लिए पिछले 10 वर्षों से गांव के सरपंच और प्रांताधिकारी आर्थिक और मानसिक रूप से उन्हें परेशान कर रहे हैं।ज्योति महात्रे ने कहा के जिस जमीन पर उनका कब्जा है उसी जमीन पर सरपंच और प्रांताधिकारी जबरदस्ती सड़क बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इसी वजह से ज्योति म्हात्रे और उनके भाई भरत जाधव न्याय की मांग को लेकर प्रांताधिकारी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे हैं.जिसके बाद भीम आर्मी के महाराष्ट्र के पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुनील गायकवाड़, जिला अध्यक्ष किसन गायकवाड़, जिला सचिव अंजुमभाई, भिंवाड़ी तालुका अध्यक्ष निकिता जाधव और आरटीआई कार्यकर्ता विनोद वैती ने पिडित परिवार को अपना समर्थन दिया। भूख हड़ताल के दूसरे दिन नायब तहसीलदार, दत्तात्रय बांबले और आदेश म्हात्रे ने भूख हड़ताल करने वालों से मुलाकात की और उनसे बात कर अपना पक्ष रखा और लिखित वादा किया कि हम पिडित परिवार से 21 तारीख को उनका पक्ष सुनेगें और सहयोग करेंगे. और ज्योति और भरत जाधव यह कहे जाने के बाद अस्थायी रूप से पीछे हट गए हैं, भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने कहा कि हम आपकी लड़ाई में हमेशा आपके साथ है।
