
भिवंडी: पिछले सप्ताह देशभर में उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि से बलात्कार और यौन उत्पीड़न की खबरें आई हैं. ये वह केस हैं जो रिपोर्ट किए गए हैं, उन सैकड़ों मामलों और घटनाओं के बारे में जो रिपोर्ट नहीं किए गए हैं सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो चिंताजनक है।

परवेज़ खान (पीके) भ्रष्टाचार विरोधी संस्था महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष ने देश में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और यौन शोषण के मामलों में दिन-ब-दिन वृद्धि और देश भर में भाजपा शासित राज्यों में बुलडोजर संस्कृति पर परवेज खान ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि देश में अब कानून दो नजर देखी जा रही है,अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों और दलितों के लिए न्याय अब बुलडोज़रों के हवाले कर दिया गया है और सत्तारूढ़ दल महिलाओं के शोषण में भी अपने अनुयायियों और नेताओं का समर्थन कर रहा है
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियन खिलाड़ी साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और कई अन्य मशहूर हस्तियां पिछले कुछ दिनों में बेबस नजर आईं. उनका करियर बर्बाद हो गया, क्योंकि दोषियों को राजनीतिक शरण मिली हुई थी.

बुलडोज़र कार्रवाई’ जिसमें मकानों को ढहा दिया जाता है. ऐसे में प्रभावित महिलाएं और उनका पूरा परिवार अपने ध्वस्त मकानों के बाहर बैठकर आंसू बहाने को मजबूर है. ऐसे में सवाल उठता है कि लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने वाले लोग कहां हैं? क्या उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि घर और आश्रय नष्ट हो जाने के बाद पूरा परिवार बिना छत के रहने को मजबूर है? बेशक वे असुरक्षित हैं, क्या सरकार उनकी सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार नहीं है? क्या वे इस देश के नागरिक नहीं हैं?
यह उन लोगों के लिए कठिन समय है जिनके घरों के सामने या सड़कों पर बुलडोजर खड़े हैं ऐसे में देश के बुद्धिजीवी जो राष्ट्रीय एकता और हिंदू मुस्लिम एकता का राग अलाप रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं और न्याय की गुहार लगाएं, क्योंकि ये सभी सरकारें सुप्रीम कोर्ट से ही डरती हैं।
