आदर्श आचार की जमकर उड़ रही धज्जियां, पुलिस का आशीर्वाद
भिवंडी के ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले ढाबे इन दिनों विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रातभर गुलजार है।जहां पर उम्मीदवारों के समर्थकों की भरी भीड़ हो रही है,खाने पीने के अलावा पार्टियों के साथ जमकर डीलिंग किया जा रहा है।इन ढाबों को आचार संहिता पथक व स्थानीय पुलिस का आशीर्वाद प्राप्त है।जिसके दम पर ढाबा मालिक आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे है।

भिवंडी के ग्रामीण क्षेत्र में 150 के आस पास छोटे बड़े ढाबे संचालित है।जहां पर लजीज खानों का लुप्त उठाने के लिए भिवंडी ही नही बल्कि ठाणे,मुंबई व नवीमुंबई ,शाहपुर व नाशिक जिले तक के लोग आते है।विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने के बाद स्थानीय पुलिस ने रात को 11 बजे के बाद ढाबों को बंद करने का आदेश दिया है।बावजूद इन दिनों विधानसभा की गरमा गर्मी के बीच रात में 2 बजे तक ढाबे गुलजार है।सूत्रों की माने तो चुनाव में खड़े उम्मीदवारों द्वारा देर रात तक मतदाताओं को पटाने के लिए जोरदार तरीके से ढाबों पर पार्टियां दी जा रही है।यही पर वोटों की सौदेबाजी भी हो रही है।जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के सभी छोटे बड़े ढाबे इस समय हाउसफूल होकर ओवर फ्लो हो जा रहा है।इन ढाबों पर खाने के लिए घंटों वेटिंग करने के बाद नंबर आता है।इस कारण ढाबे देर रात तक पुलिस के आशीर्वाद से चल रहे है और चुनावी मौसम में ढाबा मालिक नियम कानून को ताक पर रखकर कमाकर लाल हो जा रहे है।हालांकि इस संदर्भ में बार बार कोशिश करने के बावजूद भिवंडी ग्रामीण क्षेत्र के चुनाव निर्णय अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया।
सिर्फ दिखावे की कार्रवाई
सूत्रों की माने तो निर्धारित समय पर ढाबों को बंद करने के आचार संहिता पथक व पुलिस ढाबों पर जरूर जाते है।जहां पर दिखावे के लिए रात के समय ढाबों के लाइटिंग को बंद कर फोटोग्राफी की जाती है।इसके बाद पुलिस व पथक के लोग चले जाते है और उनके शह पर बाहर की लाइटिंग को बंद कर देर रात तक ढाबा चलाया जाता है।सूत्रों की माने तो इस कार्य के लिए दोनो ही विभाग को ढाबा मालिकों को पूरा संरक्षण व आशीर्वाद प्राप्त है।हालांकि तमाम ढाबा मालिकों का कहना है कि वे लोग नियम कानून के तहत ही ढाबा चला रहे है।निर्धारित समय पर ही ढाबा बंद हो जाता है।

निर्धारित समय से ऊपर ढाबा चलने वाले पर होगी कार्रवाई
भिवंडी तालुका पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई दादासाहब येडके का कहना है कि निर्धारित समय तक ढाबा चलाने की नसीहत तमाम ढाबा संचालकों को दिया गया है।इसके उपरांत ढाबा चालू मिलता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।उन्होंने बताया कि अभी तक कई ढाबों पर केस दर्ज किया जा चुका है।जो आगे भी चालू रहेगा।उन्होंने ढाबा मालिकों को कानून के तहत दिए गए समय तक ढाबा चलने को कहा गया है।मनमानी कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
