कुंडा प्रतापगढ
प्रयागराज कुम्भ मेला में अपनी बात रखते हुए रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या ने कहा कि हिन्दुओं के धार्मिक जुलूसों पर मुसलमान समुदाय के लोग पत्थरबाजी करते हैं और ऐसी घटनाओं को आतंकवादी घटना कह कर संबोधित किया मगर राजा भैय्या बड़ी चालाकी से इस बात को छुपा गये की आजकल के हिन्दू धार्मिक जुलूसों में जो अभद्र गाने बजाये जा रहे हैं और गाली गलौच के नारों के साथ जानबूझकर मस्जिदों के सामने डीजे बजा कर मुसलमानों को अपमानित किया जा रहा है। ऐसा करने पर जो प्रतिक्रिया हो रही है उसकी असली वजह हिन्दू धार्मिक जुलूसों मे भङकाने वाली यही भूमिका है।

नजम हसन समाज सेवक ने कहा किसी भी अपराध के लिए कानून है जो गलत करेगा उसे संविधान के अनुसार दण्ड मिलेगा। और कुछ दिनों पूर्व एक रिपोर्टर के सवाल पर, “क्या मंदिर बनाने से पेट भरता है?”‘ जिसका जवाब देते हुए राजा भैय्या ने कहा कि क्या मस्जिद और मज़ारों से पेट भरता है, यह सवाल मुसलमानों द्वारा नहीं किया गया था बल्कि एक हिन्दू रिपोर्टर ने सवाल किया था। नजम हसन समाज सेवक ने कहा कि बेशक मस्जिद और मज़ारों से पेट भरता है बस मांगने का सलीका आना चाहिए। वही रब है जो भूखा उठाता तो है मगर भूखा सुलाता नहीं। जैसा कि अब यह बात सामान्य होती जा रही है और भारत का माहौल ऐसा बना दिया गया है कि भारत में अब जगह-जगह पर मुसलमानों को जबरदस्ती धार्मिक नारे लगवाये जा रहे हैं तो कहीं किसी फर्जी अपराध में इल्ज़ाम लगा कर फसाया जा रहा है और कहीं तीखी टिप्पणी करते हुए मुसलमानों को अपराधी बताया जा रहा है और अपराधियों को संरक्षित करके उल्टा मुसलमान पीड़ितों और उनके परिजनों पर ही कार्यवाई की जा रही है। अब इस माहौल में राजा भैय्या जैसे जिम्मेदार और वरिष्ठ नेता भी संलिप्त नज़र आते हैं जो बड़े ही ढके छुपे अन्दाज़ में क्षेत्र के हिन्दू भाईयों को बरगलाने और अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे हैं। तभी तो अपनी किसी ग़लत टिप्पणी पर अभी तक उनकी कोई माफी या प्रतिक्रिया नहीं आई। नजम हसन समाज सेवक एक बार फिर इस मैसेज द्वारा राजा भैय्या का ध्यान इस तरफ खींचना चाहते हैं कि आप सिर्फ एक पक्ष के ही नेता नहीं हैं दूसरा मुसलमान पक्ष भी आपको वोट देता है और यहीं इसी भारत का वह भी नागरिक है जिन्हें आपने शायद सत्ता के नशे में भुला दिया है।