भिवंडी: “हल्कऐ अदब भिवंडी” संस्था द्वारा प्रसिध्द लेखक एवं शिक्षाविद अब्दुल मलिक मोमिन की दो पुस्तकों “मशाहिरे भिवंडी” और “उमरा व हज के शब-ओ-रोज़” का विमोचन समारोह रविवार, 23 फरवरी, 2025 को जीएम मोमिन वीमेंस कालेज हाल में केएमई सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष मुहम्मद असलम फकीह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।असलम फकीह साहब ने अध्यक्षीय भाषण में मशाहिरे भिवंडी पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक दस्तावेजी पुस्तक है।इसकी सामग्री को देखकर उन्होंने कहा कि मलिक मोमिन की यह पुस्तक पीएचडी के योग्य है।इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए।कार्यक्रम में मौलाना अबू जफर हस्सान नदवी,शरीफ हसन रमजान मोमिन और सलीम रहमतुल्लाह अंसारी मुख्य अतिथि के रूप में तथा विशेष अतिथि के रूप में पूर्व विधायक एडवोकेट अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन,पूर्व सांसद सुरेश टावरे,नज़र अब्दुल लतीफ मदू और गणेश दत्तात्रेय दांडेकर आदि कार्यक्रम में शामिल हुए।कार्यक्रम की शुरुआत कारी इज़हार की तिलावत और तर्जुमे से हुई।पूर्व प्रधानाचार्य बिलाल अहमद मोमिन ने अतिथियों का परिचय सहित स्वागत किया।रईस हाई स्कूल के पूर्व चेयरमैन और कार्यक्रम के संयोजक मोहम्मद शफी मुकरी ने उद्घाटन भाषण प्रस्तुत करते हुए पुस्तक की उपयोगिता एवं आवश्यकता परप्रकाशडाला।ततपश्चात असलम फकीह और सलीम रहमतुल्लाह अंसारी द्वारा”मशाहिरे भिवंडी” का लोकार्पण और मौलाना अबू ज़फर हस्सान नदवी द्वारा “उमरा व हज के शब ओ रोज़” का लोकार्पण संपन्न हुआ।इस अवसर पर पुस्तक के लेखक मलिक मोमिन सर की खिदमत में हल्कऐ अदब भिवंडी तथा उन के शुभ चिन्तकों द्वारा शाल, पुष्पगुच्छ एवं उपहार भेंट किया गया।मलिक मोमिन सर ने अपने मनोदगार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य महानुभाओं,बुजुर्गों और आयोजक मंडल के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।मौलाना अबू ज़फ़र हस्सान नदवी ने फ़ारसी कविताओं के के माध्यम से पुस्तक और उसके लेखक की विशेषताओं पर तबसेरा प्रस्तुत किया। दैनिक इंकलाब के संपादक शाहिद लतीफ ने मशाहिरे भिवंडी पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हुए कहा कि यह पुस्तक भिवंडी की तरक्की में बुजुर्गों के किए गए प्रयासों की मालूमात को नई पीढ़ी तक स्थानांतरित करने के लिए एक मूल्यवान दस्तावेजी पुस्तक है। समारोह को डॉ. अब्दुल सलाम अंसारी,प्रिंसिपल ज़िया-उर-रहमान अंसारी,मोहम्मद रफ़ी अंसारी,प्रो अमीर हमज़ा साक़िब,अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन,सुरेश टावरे,गणेश दत्तात्रय दांडेकर आदि ने संबोधित किया।सभी वक्ताओं ने लेखक के प्रयासों की सराहना की और पुस्तक को आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभ दायक दतावेज बताते हुए कहा कि लोग पुस्तक के माध्यम से पूर्वजों के बारे में विस्तृत मालूमात हासिल कर पायेंगे।उपयोगी पुस्तक लिखने के लिए सभी वक्ताओं ने मलिक मोमिन सर को बधाई दी।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बेरादराने वतन उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन सीमाब अनवर मोमिन ने बखूबी अंजाम दिया।
