कल्याण रोड के नागरिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
अब्दुल गनी खान
भिवंडी, भिवंडी निजामपूर शहर महानगरपालिका द्वारा प्रस्तावित मेट्रो परियोजना और प्रारूप विकास के डीपी प्लान के तहत,राजीव गांधी चौक से टेमघर तक कल्याण रोड के दोनों ओर स्थित संपत्तियों को निष्कासित किए जाने के आदेश से नागरिकों में आक्रोश फैल गया है।

कल्याण रोड व्यापारी व रहिवासी संघर्ष समिति ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए जोरदार विरोध दर्ज कराया है। समिति का कहना है कि बीते 10 वर्षों से कुछ स्थानीय नेता और अधिकारी अपने निजी स्वार्थों के लिए मेट्रो के नाम पर रस्ते का जबरन चौड़ीकरण करने की साजिश रच रहे हैं।
इस प्रस्तावित चौड़ीकरण से न सिर्फ हजारों लोग बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे, बल्कि इससे धार्मिक स्थलों जैसे कि 5 मंदिर, 2 मस्जिदें, 2 दरगाह, 1 कब्रिस्तान और भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक भी प्रभावित होंगे। इससे धार्मिक भावनाएं आहत होने और शहर की कानून व्यवस्था पर संकट खड़ा होने की आशंका भी जताई गई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने मेट्रो परियोजना को भूमिगत करने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद मनपा प्रशासन ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि कल्याण रोड के दोनों तरफ 6-6 मीटर का मार्किंग कर 15 दिनों में संपत्ति निष्कासित की जाए।
संघर्ष समिति का आरोप है कि जब भी शहर विकास के लिए डीपी प्लान लागू हुआ, नागरिकों ने अपने मकान, दुकानें और धार्मिक स्थल तोड़कर बलिदान दिया, लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। ऐसे में अब एक बार फिर उन पर अन्याय करना पूरी तरह से अनुचित है।
संघर्ष समिति ने सरकार से यह भी मांग की है कि शहर से बाहर जानेवाले अन्य रास्तों का काम, जो 2003 के प्लान में शामिल था, उसे तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही, भिवंडी रिंग रोड का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए, ताकि शहर के ट्रैफिक पर बोझ कम हो सके।
आज 18 जुलाई को दोपहर 3 बजे नगीना मैरिज हॉल, कल्याण रोड में एक चिंतन बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी व्यापारियों और रहिवासियों ने संविधानिक मार्ग से संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ी तो आंदोलन विधानसभा से लेकर न्यायालय तक पहुंचाया जाएगा।
इस बैठक में संघर्ष समिति के अध्यक्ष शादाब उस्मानी, महासचिव राम लाहारे, पूर्व नगरसेवक दिन मोहम्मद खान, महमूद मोमिन, तस्लीम शेख, सुधाकर आंचन, जब्बार शेख, राकेश पाल, युसुफ शोलापुरकर और नईम खान सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों के ट्रस्टीगण उपस्थित थे।