अब्दुल गनी खान
भिवंडी।
“गणपति बप्पा मोरया… अगले बरस तू जल्दी आ…” ऐसे गगनभेदी नारों के बीच शनिवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर भिवंडी शहर में गणेश विसर्जन का पर्व श्रद्धा और उत्साह के माहौल में संपन्न हुआ।
इस वर्ष गणेशोत्सव के दौरान कुल 2,481 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इनमें 2,094 घरगुती और 387 सार्वजनिक मंडलों की प्रतिमाएं शामिल रहीं। विशेष बात यह रही कि इस बार पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कृत्रिम तालाबों में विसर्जन किया। महानगरपालिका द्वारा तैयार किए गए 10 कृत्रिम तालाबों में 722 मूर्तियों का विसर्जन हुआ, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या मात्र 193 थी। यानी इस बार कृत्रिम तालाबों का उपयोग साढ़े तीन गुना से अधिक बढ़ा।
विसर्जन को निर्विघ्न और सुरक्षित बनाने के लिए भिवंडी-निज़ामपुर महानगरपालिका प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी। प्रशासक एवं आयुक्त अनमोल सागर (भा.प्र.से.) के निर्देश पर विसर्जन मार्गों और घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल, समन्वय अधिकारी, अग्निशमन दल, जीवनरक्षक टीम और चिकित्सकीय सुविधाएं तैनात रहीं। हर घाट पर मंडप, रोशनी, पीने के पानी और एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।
पारंपरिक गुलाल और फूलों की वर्षा के बीच भक्तों ने अपने लाडके बप्पा को अश्रुपूरित विदाई दी। नदीनाका-टिलक घाट, वहालादेवी, कामतघर, फेणे घाट, भादवड तालाब और नारपोली समेत प्रमुख घाटों पर देर रात तक भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। श्रद्धालुओं ने नगरपालिका की व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए मांग की कि आने वाले वर्षों में कृत्रिम तालाबों की संख्या और बढ़ाई जाए।
गंगा-जमुनी तहज़ीब का नायाब उदाहरण
गणेशोत्सव के दौरान भिवंडी में गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली। मुस्लिम बहुल इलाक़ों में भी नगर पालिका के मुस्लिम अधिकारी और स्थानीय युवाओं ने सेवा और सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की।

नगरपालिका के स्वच्छता एवं आरोग्य विभाग प्रमुख फैसल तातली, आपातकालीन विभाग प्रमुख साकिब खर्बे, उप अभियंता सरफराज अंसारी और प्रभाग समिति क्रमांक पाँच के सहायक आयुक्त सईद चुन्ने ने अपने-अपने क्षेत्रों में घाटों की व्यवस्थाओं को बखूबी संभाला। वहीं कई स्थानों पर मुस्लिम युवाओं ने गणेश भक्तों को ठंडा पानी पिलाकर स्वागत किया।

दरगाह दीवान शाह इलाके में पूर्व नगरसेवक वसीम अंसारी और इरफान हदीश अंसारी ने भी सहयोगियों संग श्रद्धालुओं का अभिनंदन कर भाईचारे की मिसाल कायम की। गणेशोत्सव के अवसर पर यह आपसी सहयोग और सामुदायिक सहभागिता भिवंडी की गंगा-जमुनी पहचान को और मजबूत करती है।