नई दिल्ली। भारतीय सेना ने अपनी नई डिजिटल कॉम्बैट यूनिफॉर्म के डिज़ाइन और पैटर्न पर बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) आधिकारिक रूप से प्राप्त कर लिए हैं। इस पंजीकरण के बाद सेना की नई वर्दी से मिलते-जुलते कपड़ों का अनधिकृत निर्माण, बिक्री या व्यावसायिक उपयोग अब पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
सेना द्वारा पंजीकृत यह डिज़ाइन अब उसका एकमात्र स्वामित्व होगा, जिसके तहत किसी भी निजी कंपनी, संस्था या व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति इस यूनिफॉर्म का निर्माण या नकल करना कानूनन अपराध माना जाएगा।

अधिकारों के इस सुरक्षित दायरे के साथ सेना को डिज़ाइन अधिनियम, 2000, डिज़ाइन नियम, 2001 और पेटेंट अधिनियम, 1970 के तहत कानूनी संरक्षण भी प्राप्त हो गया है। इन प्रावधानों के उल्लंघन पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, निषेधाज्ञा और क्षतिपूर्ति के दावों सहित कठोर दंड लागू किए जाएंगे।
सेना के अनुसार, नई डिजिटल कॉम्बैट यूनिफॉर्म आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार की गई है, जो न केवल सैनिकों की कार्यक्षमता बढ़ाती है बल्कि सुरक्षा मानकों को भी मजबूत बनाती है। IPR मिलने के बाद इस वर्दी का अनधिकृत उपयोग रोकने में बड़ी मदद मिलेगी तथा सेना की पहचान और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

