“यह वर्चस्व की नहीं, अस्तित्व की लड़ाई है” — सांसद बाळ्या मामा

भिवंडी

नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम दि.बा. पाटील के नाम पर रखने की मांग तेज

अब्दुल गनी खान (भिवंडी)
भिवंडी: नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लोकनेता दि.बा. पाटील के नाम से समर्पित करने की मांग को लेकर समाज के सभी वर्गों को एकजुट होने की आवश्यकता है। यह किसी भी प्रकार का राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि अस्तित्व की लड़ाई है — ऐसा स्पष्ट मत भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाळ्या मामा ने व्यक्त किया।

इस मांग को लेकर 22 दिसंबर को भिवंडी मानकोली से नवी मुंबई एयरपोर्ट तक भूमिपुत्रों की विशाल पदयात्रा एवं धड़क मोर्चा सांसद बाळ्या मामा के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। आंदोलन की रणनीति तय करने हेतु गुरुवार को मानकोली स्थित आर.सी. फाउंडेशन में विशेष बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में वरिष्ठ नेता आर.सी. पाटिल, उद्धव सेना के नेता विश्वास थळे, वरिष्ठ कार्यकर्ता कृष्णकांत कोंडलेकर, शिंदे गुट के पदाधिकारी अरुण पाटिल, कुंदन पाटिल, सोन्या पाटिल सहित बड़ी संख्या में भूमिपुत्र और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
सांसद बाळ्या मामा ने कहा कि “दि.बा. पाटील समाज के महान नेता थे। उन्होंने देशहित और भूमिपुत्रों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया है। इसलिए एयरपोर्ट को उनके नाम पर करने की लड़ाई मैं अंत तक लड़ता रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “आप सबने मुझे सांसद बनाया, परंतु मैं यहां तक अपने समाज के कारण पहुंचा हूं। इसलिए समाज का ऋण चुकाना मेरा कर्तव्य है।”
मामा ने नागरिकों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि जब समाज अपनी शक्ति दिखाता है, तो सरकार को निर्णय लेना ही पड़ता है। इसलिए इस आंदोलन में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी आवश्यक है।
सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि 22 दिसंबर को शुरू होने वाली यह पदयात्रा 24 दिसंबर को नवी मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेगी, और जब तक हमारी मांग स्वीकार नहीं होती, आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
यह आंदोलन नवी मुंबई एयरपोर्ट को दि.बा. पाटील का नाम दिलाने के लिए निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है।

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