पूर्व नगरसेविका ने दिया मनपा आयुक्त को दिया ज्ञापन, कहा, बढ़ा कर जनता पर अन्याय ।
भिवंडी मनपा प्रशासन ने संपत्ति मालिकों पर जल एवं मलजल प्रवाह लाभ कर की दरों में वृद्धि की है। यह दर वृद्धि ईमानदार करदाताओं के साथ अन्यायपूर्ण है,इस प्रकार का आरोप प्रभाग क्रमांक 18 अ की पूर्व नगरसेविका कामिनी रविन्द्र पाटील ने लगाते हुए मनपा आयुक्त को ज्ञापन देकर इसे तत्काल रद्द करने की मांग की है।

मनपा आयुक्त अनमोल सागर को दिए ज्ञापन में प्रभाग क्रमांक 18 अ की पूर्व नगरसेविका व पूर्व स्थाई समिति सदस्य कामिनी रविन्द्र पाटील ने बताया कि मनपा प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के संपत्ति कर बिलों में जल लाभ कर और मल लाभ कर को शामिल किया है। इसके तहत, आवासीय संपत्तियों पर जल कर में 10 प्रतिशत और मल कर में 8 फीसदी की वृद्धि की गई है, जबकि वाणिज्यिक संपत्तियों पर जल कर में 15 फीसदी और मल कर में 8 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।पूर्व नगरसेविका ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यह वृद्धि “ईमानदार करदाताओं के लिए अन्यायपूर्ण” है। उनका कहना है कि भिवंडी एक औद्योगिक शहर है, जहाँ कपड़ा उत्पादन का व्यवसाय बड़े पैमाने पर चलता है, इस कारण यहां पूरे देश से लोग रोज़गार की तलाश में आते है। हालांकि, वर्तमान में टोरेंट पावर कंपनी के बढ़ते बिजली बिलों के कारण कपड़ा उत्पादन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे कई कारखाने बंद हो रहे हैं और रोज़गार के अवसर भी कम हो गए हैं।ऐसे में, प्रशासन द्वारा संपत्ति कर में जल और मल कर की वृद्धि ने नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है, जिससे उनमें आक्रोश है।उन्होंने बताया है कि भिवंडी में बड़ी संख्या में झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके हैं, जहाँ महंगाई बढ़ने के कारण घर चलाने के लिए प्रत्येक सदस्य को रात-दिन मेहनत करनी पड़ रही है।ऐसे में यह बढ़ी हुई दरें आम जनता के लिए वहनीय नहीं हैं।पूर्व नगरसेविका ने स्थानीय निवासियों और संपत्ति धारकों की अनुरोध पर मनपा प्रशासन से बढ़ी हुई जल लाभ कर और मल लाभ कर दरों को तुरंत रद्द करने की अपील की है। उनका मानना है कि इन शुल्कों को रद्द करने से आम जनता को राहत मिलेगी, जो पहले से ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे है।इससे पहले भाजपा भिवंडी शहर जिला अध्यक्ष रविकांत सावंत के नेतृत्व में भाजपा एक प्रतिनिधिमंडल ने भिवंडी शहर में संपत्ति कर में अनुचित वृद्धि, शहर में साफ-सफाई, कंक्रीट सड़कों पर खराब काम समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।साथ ही प्रतिनिधि मंडल उक्त कर वृद्धि को तत्काल रद्द करने की मांग की थी।