अब्दुल गनी खान
भिवंडी आज शुक्रवार शाम 4 बजे प्रांत अधिकारी को तंजीम उलमा ए अहले सुन्नत भिवंडी ने उदयपुर फाइल्स फिल्म रिलीज के खिलाफ एक ज्ञापन दिया और फिल्म के विरोध में गहरी नाराजगी जताई ।
मालूम हो कि तंजीम उलमा अहले सुन्नत भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सेंसर बोर्ड से मांग किया है कि इस तरह की फिल्मो को बंद किया जाए जिस्मे मुसलमानों के पैगम्बर मोहम्मद (स) और उनकी आवाजें फर्जी तरीके से डाबिंग की गई है,और पैगंबर की शान में गुस्ताखी की गई हो और नूपुर शर्मा गुस्ताख औरत की गुस्ताखी को इस फिल्म में उजागर किया गया है जिसे मुसलमानों के दिलों ने रोक दिया है इस फिल्म से नफ़रत को बढ़ावा मिलेगा, इससे आपसी भाई चारे में नफ़रत बढ़ सकती है। ऐसी फिल्मों को फ़ौरन बैंड किया जाए और सेंसर बोर्ड ने जो रिलीज़ के लिए सर्टिफिकेट जारी किया है उसे फ़ौरन रिजेक्ट किया जाए। किसी एक मजहब को टारगेट करना ये हमारे डा,बाबा साहब अंबेडकर के वसूल और कानून के ख़िलाफ है,

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने जो अस्थायी स्टे दिया है तंजीम उलमा अहले सुन्नत दिल्ली और सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस स्टे को परमानेंट स्टे दिया जाए।
तहसील कार्यालय से मिला आश्वासन।
उपतहसीलदार चंद्रकांत शिवलाल राजपूत ने तंजीम उलमा अहले सुन्नत को आश्वासन दिया कि मैं आप लोगों की मांग और ज्ञापन भारत सरकारऔर सेंसर बोर्ड तक फॉरवर्ड करूंगा और उदयपुर फाइल्स फिल्म पर कानून करावाई करने की कोशिश करूंगा।
ज्ञापन देने वालों में मौलाना शमशाद नूरी, मौलाना शाहनवाज, मौलाना रफीक आलम, मुफ्ती उमर, मौलाना इमरान, मौलाना गुलाम यजदानी, मौलाना मखदूम, मौलाना सईद अनवर, मौलाना मोहम्मद अली फैजी, मौलाना कबीरुद्दीन, मौलाना महताब आलम, मौलाना अली हुसैन हुदुवी, मौलाना मोअज्जम रजा, मौलाना राहत हुसैन, मौलाना जैनुद्दीन, कारी मोहम्मद रजा, हाजी शकील, एजाज शेख, अब्दुस समद अंसारी, जाहिद मुख्तार, मो. मुख़्तार मोमिन व अन्य लोग शमिल थे।